रिपोर्ट : अमर नाथ साहू
वाराणसी (ब्यूरो ): काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की इकाई द्वारा विभिन्न मांगों को लेकर चल रहा धरना प्रदर्शन पांचवे दिन भी जारी रहा। छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर छात्र हितों की अनदेखी का आरोप लगाया। चेताया कि जब तक मांग पूरी नहीं होती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। शोध प्रवेश प्रक्रिया नियमावली में सुधार, सामाजिक समावेशन केंद्र में एमफिल धारक छात्रों को पूर्व की भांति शोध प्रवेश का मौका देने, IOE (Institute of Eminence) के अंतर्गत मिले धन के दुरुपयोग की जांच, और छात्रों के अपराधीकरण को रोकने जैसी मांगों को लेकर छात्र धरने पर बैठे हैं। एबीवीपी बीएचयू इकाई के अध्यक्ष प्रशांत राय ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन की छात्रों की समस्याओं के प्रति उदासीनता के विरोध में परिषद के सदस्य कल काली पट्टी बांधकर अपना विरोध प्रदर्शन करेंगे।
उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक प्रशासन उनकी मांगों को पूरा नहीं करता, तब तक यह धरना जारी रहेगा। प्रशांत राय ने कहा कि कुलपति और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों की मनमानी के खिलाफ यह संघर्ष अब और तेज किया जाएगा।इकाई मंत्री भाष्करादित्य त्रिपाठी ने बताया कि धरने के पांचवे दिन भी प्रशासन द्वारा छात्रों की मांगों पर कोई ठोस कदम न उठाना विश्वविद्यालय प्रशासन की छात्र-विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि 23 अक्टूबर को काली पट्टी बांधकर विरोध जताया जाएगा और छात्रों के बीच प्रशासन की भ्रष्टाचारपूर्ण नीतियों को उजागर किया जाएगा। धरने में एबीवीपी के प्रांत मंत्री अभय प्रताप सिंह, अनुज गोस्वामी, पल्लव सुमन, अभय चतुर्वेदी, ओंकार, दिव्यांशु, आदर्श गौतम, कृष्णा, आरूही, धीरेंद्र, यशवर्धन, अश्विनी, ध्रुव और नंदा राय प्रमुख रूप से उपस्थित थे।।