ब्यूरो चीफ : अमर नाथ साहू
रिपोर्ट : अजय कुमार लखमानी

वाराणसी: हाल ही में काशी के कोतवाल काल भैरव मंदिर में गर्भगृह में केक काटे जाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसने धार्मिक भावनाओं को आहत किया। इसे लेकर मंदिर प्रशासन को सोशल मीडिया पर आम श्रद्धालुओं ने काफी ट्रोल किया था। अब इस घटना के मंदिर प्रशासन ने बड़ा निर्णय लिया है।
मंदिर प्रशासन ने निर्णय लिया है कि अब मंदिर परिसर में केक काटने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। मंदिर के महंत सुमित उपाध्याय का कहना है कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि उक्त वीडियो में दिख रही महिला का केक काटना इतना बड़ा बवाल खड़ा कर देगा।
मंदिर प्रशासन का कहना है कि मंदिर में बहुत पहले से ही केक काटा जा रहा है, लेकिन इस वीडियो को लोगों ने गलत तरीके से ले लिया। जिसके बाद निर्णय लिया गया है कि मंदिर परिसर में अब केक काटने पर पूर्ण रूप से प्रतिबन्ध लगा दिया जाय।
कहा कि भविष्य में मंदिर परिसर में केक काटने की अनुमति नहीं होगी। भैरवाष्टमी जैसे अवसरों पर भी अब केवल हलुआ और लड्डू का केक काटा जाएगा। महंत परिवार के लोगों ने कहा कि उन्हें इस घटना की जानकारी नहीं दी गई थी। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद उनकी भावनाओं को ठेस पहुंची। इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई का निर्णय प्रशासन पर छोड़ा गया है। मंदिर परिवार ने इस मामले पर आगे विवाद न बढ़ाने की अपील की है।
मंदिर परिवार ने यह स्पष्ट किया कि अब से ऐसी परंपराएं शुरू की जाएंगी जो मंदिर की गरिमा और धार्मिक परंपराओं के अनुरूप हों। हलुआ और लड्डू केक का उपयोग, भावनाओं का सम्मान करते हुए एक नई परंपरा का रूप ले सकता है।।।