ब्यूरो चीफ : अमर नाथ साहू
रिपोर्ट : सत्यम् गुप्ता

वाराणसी । वाराणसी के सिगरा में आफिस खोलकर करोड़ों रुपये वसूलकर भागने वाली कंपनी के खिलाफ गुरुवार को दो केस दर्ज किए गए। कोर्ट के आदेश पर दर्ज इन मुकदमों में कंपनी के डायरेक्टर समेत मुख्य अधिकारियों को नामजद किया गया है। वहीं कंपनी के दफ्तर में कार्यरत अन्य कर्मचारियों को अज्ञात में शामिल किया है।
कंपनी के डायरेक्टरों ने चिटफंड कंपनी खोलकर चार साल में रुपये दोगुना करने का झांसा देकर लोगों से निवेश कराया था। इन लोगों ने वाराणसी समेत आसपास के जिलों में एजेंट बनाए थे और इनसे करोड़ों रुपये की वसूली कराई थी। अधिकांश निवेशकों ने 50 लाख से एक करोड रुपये तक की राशि दी थी। अब कंपनी और उसके प्रतिनिधियों के खिलाफ दो अलग-अलग वादियों ने सिगरा थाने में दो मुकदमे दर्ज कराए हैं।
चोलापुर थाना क्षेत्र के देईपुर निवासी विश्वनाथ गुप्ता और रामनाथ गुप्ता के अनुसार करीब एक करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई है। अन्य निवेशकों के सामने आने पर राशि करोड़ों में जा सकती है। दोनों ने बताया कि सिगरा क्षेत्र में एलयूसीसी द लोनी अर्बन मल्टी स्टेट क्रेडिट थ्रिफ्ट को-ऑपरेशन सोसाइटी का दफ्तर था। इसका मुख्य ऑफिस
गाजियाबाद में बताया गया था।
चार साल में रुपया दोगुना करने की बात कही गई था। इसके लिए एजेंट को कमीशन के तौर पर भी रखा गया था। एजेंट विश्वनाथ ने एक बार 17.20 लाख और दूसरी बार 41 लाख म निवेश कराया। साल 2016 के बाद से अन्य लोगों के 35 लाख रुपये से अधिक निवेश कराया। उसके बाद कंपनी सभी का पैसा लेकर भाग गई।
एजेंट के मुताबिक करीब 700 एजेंटों को रखा गया था, जिसके जरिये हजारों लोगों से निवेश कराय गया था। पुलिस ने कंपनी, नवी मुंबई निवासी समीर अग्रवाल, शबाब हुसैन, वाराणसी की सानिया अग्रवाल, मंजय मुदगिल, आरके शेट्टी, अभय राय समेत अन्य अज्ञात पर केस दर्ज किया है।