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मदनपुरा में खुला सैकड़ों साल पुराना मंदिर का कपाट, तीन खंडित शिवलिंग मिले, साफ-सफाई के बाद पूजा-पाठ शुरू होने की संभावना

ब्यूरो चीफ : अमर नाथ साहू
रिपोर्ट : रोहित गुप्ता

वाराणसी: मदनपुरा में सैकड़ों साल पुराना प्राचीन मंदिर का कपाट बुधवार को पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी में खोला गया। वर्षों से बंद पड़े इस मंदिर को भारी पुलिस की तगड़ी सुरक्षा के बीच खोला गया। इस दौरान इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती रही और विशेष सुरक्षा इंतजाम किए गए।

मंदिर के कपाट खुलने पर सनातन रक्षा दल के सदस्य और स्थानीय लोग भारी संख्या में पहुंचे। श्रद्धालुओं ने “हर-हर महादेव” के जयकारे लगाए, और माहौल भक्तिमय हो गया। मंदिर के अंदर प्रवेश करने पर मिट्टी से भरा पूरा परिसर और तीन खंडित शिवलिंग मिले। इसके बाद नगर निगम की टीम ने सफाई का कार्य शुरू किया। मंदिर परिसर को गंगा जल से शुद्ध किया गया।

एडीसीपी काशी जोन टी. सरवरणन ने बताया कि यह पुराना मंदिर वर्षों से बंद था। बुधवार को इसके कपाट खोलने के बाद सफाई कार्य जारी है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पूरे क्षेत्र में पुलिस बल तैनात किया गया है।

एडीएम सिटी आलोक कुमार वर्मा ने बताया कि सभी समुदायों की सहमति से मंदिर का ताला खोला गया। उन्होंने कहा कि अभी सफाई का कार्य चल रहा है और पूजा-पाठ के संबंध में अगले एक-दो दिन में निर्णय लिया जाएगा।

सनातन रक्षा दल के अजय शर्मा ने बताया कि सिद्धेश्वर महादेव मंदिर खुलने के बाद अब शुभ मुहूर्त में इसके शिखर की मरम्मत और प्राण-प्रतिष्ठा का कार्य किया जाएगा। मंदिर में तीन खंडित शिवलिंग मिलने की पुष्टि हुई है, और सफाई के दौरान अन्य मूर्तियां मिलने की संभावना है।

विश्व हिंदू परिषद के महानगर अध्यक्ष राजेश मिश्र ने कहा कि शिवलिंग खंडित होने के कारण इनका अभिषेक नहीं किया जाएगा। आगे की योजना पर विचार किया जा रहा है। स्थानीय निवासी रीना पात्रों ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि मंदिर खोलने के लिए सभी ने एकजुट होकर प्रयास किया और यह भाईचारे का प्रतीक है।

मंदिर के कपाट खुलने के दौरान सभी समुदायों के लोगों की उपस्थिति देखने को मिली। पुलिस और प्रशासन की निगरानी में सफाई और शुद्धिकरण कार्य जारी है।।।

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