ब्यूरो चीफ : अमर नाथ साहू
रिपोर्ट : सत्यम् गुप्ता

वाराणसी: मकर संक्रांति के अवसर पर मंगलवार को काशी में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। महाकुंभ में स्नान के बाद श्रद्धालुओं का पलट प्रवाह काशी की ओर शुरू हो गया। गंगा घाटों पर स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने काशी विश्वनाथ धाम समेत विभिन्न मंदिरों में दर्शन-पूजन किया। बाबा विश्वनाथ के दरबार में विशेष भोग आरती की गई। दर्शन के लिए आए श्रद्धालुओं को प्रसाद स्वरूप खिचड़ी वितरित की गई।

प्राचीन और देवों की नगरी काशी में स्नान, दान और पूजन का विशेष महत्व है। महाकुंभ में स्नान के बाद काशी में लगभग 10 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। 15 जनवरी से श्रद्धालुओं की भीड़ में वृद्धि होगी। गंगा स्नान के साथ ही बाबा विश्वनाथ, कालभैरव और अन्य शिवालयों व देवालयों में दर्शन-पूजन का सिलसिला जारी रहेगा।
महाकुंभ में इस वर्ष तीन अमृत स्नान विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं 14 जनवरी को मकर संक्रांति, 29 जनवरी को मौनी अमावस्या और 3 फरवरी को वसंत पंचमी। इन अवसरों पर श्रद्धालुओं की संख्या कई गुना बढ़ने की उम्मीद है। इसके अलावा महाशिवरात्रि, एकादशी और प्रदोष जैसे विशेष तिथियों पर भी गंगा स्नान और मंदिर दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ेगी। काशी ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यापक तैयारियां की हैं, ताकि उनका अनुभव सहज और स्मरणीय बन सके।।।
