ब्यूरो चीफ : अमर नाथ साहू
रिपोर्ट : सत्यम् गुप्ता

वाराणसी: प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत के साथ ही काशी में भी महाकुंभ का स्नान शुरू हो गया है। लाखों श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित करने के लिए काशी पहुंच रहे हैं। कल पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति के प्रथम दिन के बाद आज से काशी में “पलट प्रवाह” की भी शुरुआत हो गई। गंगा सेवा निधि के कोषाध्यक्ष आशीष तिवारी ने बताया कि महाकुंभ के अवसर पर श्रद्धालुओं का ऐसा जनसैलाब उमड़ा है, जैसा 144 वर्षों के बाद देखने को मिल रहा है।
बुधवार को करीब साढ़े तीन लाख श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया और फिर विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती में सम्मिलित हुए। महाकुंभ स्नान के बाद श्रद्धालु त्रिवेणी संगम, काशी, और अयोध्या की यात्रा कर रहे हैं। बाबा विश्वनाथ मंदिर और काशी कॉरिडोर में भी अपार भीड़ उमड़ रही है। श्रद्धालु घंटों लंबी लाइनों में लगने के बाद बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर पा रहे हैं।

महाकुंभ की इस ऐतिहासिक घटना ने काशी प्रशासन के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। लाखों श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पुलिस प्रशासन चप्पे-चप्पे पर मुस्तैद है। जगह-जगह चौकियां बनाई गई हैं और भीड़ पर नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरों का उपयोग किया जा रहा है।
गंगा आरती के लिए उमड़ी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को संभालने के लिए प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है। बाबा विश्वनाथ कॉरिडोर, गंगा घाटों, और आरती स्थलों पर सुगम व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।

श्रद्धालुओं का मानना है कि महाकुंभ में स्नान का यह अद्वितीय अवसर जीवन में दोबारा मिलना मुश्किल है। सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए यह महाकुंभ आध्यात्मिकता और पुण्य का पर्व बनकर सामने आया है। प्रशासन पूरी मुस्तैदी के साथ इस आयोजन को सफल बनाने में जुटा हुआ है, ताकि श्रद्धालु बिना किसी कठिनाई के अपनी आस्था को पूरा कर सकें।।।