ब्यूरो चीफ : अमर नाथ साहू
रिपोर्ट : सत्यम् गुप्ता

वाराणसी: भागवत कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने धर्म की रक्षा के लिए सनातन बोर्ड की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में आयोजित सिय-पिय मिलन महामहोत्सव में रविवार को कहा कि काशी की पावन भूमि से यह संदेश दूर तक जाएगा। उन्होंने मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से बाहर करने की मांग की और तिरुपति जैसे विवादों से बचने के लिए सनातन बोर्ड की अनिवार्यता पर जोर दिया। इसके लिए उन्होंने काशी के संतों और विद्वानों से सहयोग मांगा।
बांग्लादेश में हिंदू राष्ट्र की वकालत…
देवकीनंदन ठाकुर ने बांग्लादेश में हिंदुओं के प्रति हो रहे दुर्व्यवहार की निंदा करते हुए वहां अलग हिंदू राष्ट्र की स्थापना की बात कही। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश सरकार को अपने कृत्यों पर विचार करना चाहिए और पूरी दुनिया के सनातन धर्मावलंबियों को इसके खिलाफ खड़ा होना चाहिए।
ज्ञानवापी और सनातन पर टिप्पणी…
देवकीनंदन ने काशी को बाबा विश्वनाथ का आनंद वन बताते हुए कहा कि प्रलयकाल में यह भूमि बाबा के त्रिशूल पर सुरक्षित रहती है। उन्होंने कहा कि जल्द ही ज्ञानवापी और मथुरा पर सनातन की विजय होगी। उन्होंने वक्फ बोर्ड को विवादों की जड़ बताते हुए ज्ञानवापी की लड़ाई को लंबा खींचने का कारण बताया।
महामहोत्सव की झलकियां…
महामहोत्सव में श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ भव्य कलश यात्रा से हुआ। शोभायात्रा में 108 रजत कलशों के साथ संतों और श्रद्धालुओं ने भाग लिया। कार्यक्रम में रामलीला का मंचन हुआ, जिसमें प्रभु श्रीराम के जन्म की लीला ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया। इस मौके पर पारंपरिक बधाई गीत गाए गए।
कथावाचक ने माता-पिता, धर्म और देश की सेवा को सर्वोपरि बताते हुए अपने विचार साझा किए और कहा कि हर इंसान को कोशिश करनी चाहिए कि उसके कर्म, वचन और मन से किसी को ठेस न पहुंचे।
कथा स्थल पर विशेष उपस्थिति…
कार्यक्रम में कुलपति डॉ. बिहारी लाल शर्मा, मेयर अशोक कुमार तिवारी, और कई अन्य प्रतिष्ठित लोग शामिल हुए। अंत में व्यासपीठ की आरती के साथ दिन का समापन हुआ।
देवकीनंदन का जुड़ाव…
देवकीनंदन ठाकुर ने बताया कि उनका सिय-पिय मिलन महामहोत्सव से पुराना नाता है। एक समय वे रामलीला में लक्ष्मण की भूमिका निभाया करते थे, और उनका यह जुड़ाव आज भी कायम है।।।