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काशी में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, ‘आपदा में अवसर’ ढूंढ रहे ठेला खोमचा दुकानदार, पर्यटकों की जेब पर पड़ रहा असर

ब्यूरो चीफ : अमर नाथ साहू

वाराणसी: प्रयागराज महाकुंभ से लौटे श्रद्धालुओं की भारी भीड़ ने रविवार को काशी के मंदिर मार्ग और घाटों पर जनसैलाब का रूप ले लिया। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए भक्तों की कतारें मैदागिन तक पहुंच गईं, वहीं दशाश्वमेध घाट तक भी भीड़ उमड़ पड़ी। भोर से ही श्रद्धालु घाटों की ओर बढ़ने लगे, जिससे पुलिस प्रशासन के लिए भीड़ को नियंत्रित करना मुश्किल हो गया।
शहर में बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने कई मार्गों पर वाहनों की आवाजाही को प्रतिबंधित कर दिया। लहुराबीर से चेतगंज की ओर केवल दोपहिया वाहनों को जाने की अनुमति दी गई, जबकि अन्य वाहनों पर रोक लगा दी गई। पहले से ही मैदागिन चौक मार्ग पर यातायात प्रतिबंध था, वहीं विश्वेश्वरगंज से मैदागिन और कालभैरव मंदिर के आसपास भी वाहनों की आवाजाही पर पाबंदी लगा दी गई। भेलूपुर और लंका क्षेत्र में भी इसी तरह के प्रतिबंध लागू किए गए।

खाद्य पदार्थों के रेट पर दुकानदार कर रहे मनमानी…

श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या का फायदा उठाते हुए दुकानदारों और ठेले वालों ने खाद्य पदार्थों के दाम मनमाने तरीके से बढ़ा दिए। पांच रुपये की चाय 10 रुपये में, मौसमी का जूस 50 रुपये प्रति गिलास और केले 80 रुपये दर्जन तक बेचे गए। चाट-पकौड़ी और अन्य खाद्य सामग्रियों पर भी दोगुनी कीमत वसूली गई। तेलियाबाग में बाकायदा 10 रुपये का टैग लगाकर खाद्य पदार्थ बेचे जा रहे थे।

रेलवे स्टेशनों पर अफरातफरी, यात्रियों ने इंजन तक घेरा…

इससे पहले शनिवार को वाराणसी कैंट और अन्य रेलवे स्टेशनों पर अयोध्या से आने और प्रयागराज जाने वाले यात्रियों की भारी भीड़ देखी गई। भीड़ इतनी ज्यादा थी कि लंबी दूरी की ट्रेनों के वातानुकूलित कोच तक तीर्थयात्रियों से भर गए, जिससे अव्यवस्था फैल गई। कई यात्री जल्दबाजी में ट्रेन के इंजन पर ही चढ़ गए, जिससे रेलवे प्रशासन और जीआरपी में हड़कंप मच गया। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। कड़ी मशक्कत के बाद यात्रियों को हटाया गया, लेकिन स्टेशन पर भीड़ इतनी थी कि तिल रखने की भी जगह नहीं थी।

पुलिस और प्रशासन के लिए चुनौती बनी भीड़…

विशेषज्ञों के अनुसार, काशी में आने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ अभी और बढ़ेगी, जिससे पुलिस प्रशासन के लिए स्थिति को संभालना और भी चुनौतीपूर्ण होगा। दशाश्वमेध घाट पर स्नान करने वालों की सुविधा के लिए प्रशासन ने एक वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध कराया है। घाट से निकलने वाले लोगों को ही गोदौलिया तक जाने की अनुमति दी गई, जबकि गोदौलिया से सीधे घाट की ओर जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है।।।

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