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ऑनलाइन शॉपिंग का व्यापार कल्याण समिति ने किया विरोध, ऑनलाइन खरीदारी ने बाजारों के लूटे रौनक : अविनाश सोनी

पड़ोस के दुकानदार ही कोरोना काल में आए थे काम, दुकानदारों ने बढ़ -चढ़ कर किया था सहयोग

रिपोर्ट : रवि प्रताप आर्य

बलिया। अक्टूबर व नवम्बर माह त्यौहारों से भरा पड़ा है। त्यौहारों में लोग सामानों की खरीदारी करते हैं। जिसकी वजह से बाज़ारों में चहल -पहल रौनक रहता है लेकिन इन दिनों ऑनलाइन शॉपिंग रूपी काल -सर्प बाजरो की रौनक व छोटे दुकानदारों की दुकानदारी पर कुंडली मार कर बैठा है। जिसकी वजह से बाजार व व्यापार दोनों ही चौपट पड़ा है। ऑनलाइन खरीदारी का विरोध करते हुए व्यापार कल्याण समिति रसड़ा अध्यक्ष (युवा प्रकोष्ठ) अविनाश सोनी ने कहा कि ऑनलाइन शॉपिंग हर तरीके से स्थानीय व्यापारियों के लिए अभिशाप है। व्यापारी नेता अविनाश कहते हैं कि ऑनलाइन शॉपिंग के बढ़ते चलन के कारण रसड़ा नगर से खरीदारों की चहल-पहल करीब खत्म सी हो गई है।

अधिकतर लोग ऑनलाइन शॉपिंग को तवज्जो दे रहे है। इससे व्यापारियों को आर्थिक हानि उठानी पड़ रही है। ऑनलाइन शॉपिंग पर मिलने वाला डिस्काउंट भ्रमित करने वाला है। वहीं ठगी के शिकार होने की संभावना भी रहती है। दीपावली में लगभग दस दिन शेष बचे हैं । ऐसे में ग्राहकों की दुकानों से दूरी चिंता का विषय है। हर दुकानदार आर्थिक मंदी सहित टर्नओवर की कमी से जूझ रहा है। सबसे ज्यादा असर मोबाइल, कपड़ा, फुटवीयर, फर्नीचर और इलेक्ट्रॉनिक सामानों के व्यवसायियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। त्योहारों के सीजन में ग्राहकों के लिए कितना स्टॉक कर रखें यह तय नहीं हो पा रहा है। श्री सोनी कहते हैं कि कोरोना काल में आमजनता की सेवा जिस तरह से व्यापारियों ने की है, उतनी किसी भी ऑनलाइन कंपनी ने नहीं की। उस दौर में पड़ोस के दुकान से मदद मिली, लेकिन जब सामान खरीदने की बात सामने आती है तो लोग ऑनलाइन सामान पर भरोसा करते हैं। उन्होंने कहा कि जब आप ऑनलाइन कोई वस्तु मंगवाते हैं, तो क्या वे आपको बिल देते है, जो जीएसटी स्थानीय व्यापारी आपसे लेते हैं, वह सरकार को देते हैं. सरकार हमारे लिए सुख-सुविधाएं देती है, लेकिन ऑनलाइन कंपनियां हमें कुछ भी नहीं देती।

इन कंपनियों का आम जनता को बहिष्कार करना चाहिए। कहा कि कंपनियां ऑफर्स निकालती हैं , जिसमें सामान की कीमत नहीं बल्की उसकी गुणवत्ता चेक कर लेना चाहिए। अगर कोई बड़ी कंपनी आपको किसी चीज का ऑफर करती है तो आप उस प्रोडक्ट का गुण-दोष चेक किजिए।ऑनलाइन कंपनियों द्वारा इस तरह का गोलमाल किया जाता है, सभी उपभोक्ताओं को सजग और सतर्क रहना चाहिए। व्यापारी नेता अविनाश ने कहा कि ऑनलाइन खरीदारी न करके अपने शहर से खरीदारी करनी चाहिए।

कोरोना काल में अपने शहर का ही व्यापारी आगे आया था। ऑनलाइन शॉपिंग से ठगी के मामलों में भी वृद्धि हो रही है। हम अपने शहर से खरीदारी करते हैं तो सामान को अच्छी तरह से देखभाल करके लेते हैं। ऑनलाइन में सामान की गुणवत्ता के विषय में जानकारी नहीं मिलती है। यदि लोग ऑनलाइन का परहेज कर स्थानीय बाजारों से सामान खरीदेंगे तो स्थानीय व्यापारी भी दीपावली मना सकेंगे। ऑनलाइन खरीदारी से बड़ी कंपनियां लगातार बढ़ रही हैं, जिसका नुकसान छोटे व मध्यम वर्ग के दुकानदारों को हो रहा है।

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