रिपोर्ट : रवि प्रताप आर्य
बलिया : रामनगर वाराणसी के बाद रसड़ा की रामलीला में रविवार को पांचवें दिन रामलीला मैदान में जयंत पक्षी का अंग-भंग, मुनी मिलन व सती अनुसुईया के विभिन्न प्रसंगों का कलाकारों ने जीवंत व भावपूर्ण अभिनय कर दर्शकों को भाव-विह्वल कर दिया। वन गमन के दौरान जब माता जानकी अपनी कुटिया के बाहर बैठी हुई थीं कि उसी समय इंद्रदेव का पुत्र जयंत पक्षी का वेश धारण कर गलत नियत से जानकी के पैरों में चोंच मारकर लहुलूहान कर दिया। यह देख प्रभु श्रीराम उस पक्षी को मारने के लिए तीर छोड़ दिए। जयंत पक्षी अपनी जान बचाने के लिए अनेक देवी-देवताओं सहित नारद के शरण में गया जहां नारद मुनी द्वारा बताया गया कि तुमने माता जानकी के पैरों में चोंच मारकर घोर पाप किया है।
इसके लिए तुम्हें प्रभु श्रीराम के चरणों में गिरकर माफी मांगनी होगी। जबतक जयंत श्रीराम से माफी मांगता तब तक उनके द्वारा छोड़ा गया तीर उसकी एक आंख को अंग-भंग कर दिया। तत्पश्चात श्रीराम, सीता व लक्ष्मण जंगल में विचरण करने चल दिए। इस दौरान वहां तपस्या कर रहे यत्री मुनी व भारद्वाज मुनी से उनकी मुलाकात हुई। जहां दोनों मुनियों ने तपस्या के दौरान राक्षसों के अत्याचार के बारे में बताया। साथ ही यत्री मुनी की धर्मपत्नी सती अनुसुईया जानकी को नारी धर्म, पति धर्म सहित अनेक प्रसंगों पर ज्ञान प्रदान किया। इन तीनों प्रसंगों को देखने के लिए रामलीला मैदान में हजारों की भीड़ जमी रही।