यूपी हेड : अमर नाथ साहू
मण्डल ब्यूरो : चन्दन यादव

वाराणसी: उत्तर प्रदेश विधान परिषद की शिक्षा व्यवसायीकरण जांच समिति की महत्वपूर्ण बैठक सर्किट हाउस सभागार में हुई। बैठक की अध्यक्षता समिति के सभापति डॉ. मानवेन्द्र प्रताप सिंह ने की। इसमें वाराणसी और चन्दौली के कई प्रमुख विभागों के अधिकारी और शिक्षा विभाग के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। सभापति ने अधिकारियों से छात्रों के साथ हुई दुर्घटनाओं के बारे में जानकारी ली। साथ ही छात्रों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना से जोड़ने के निर्देश दिए। उन्होंने शिक्षा के व्यावसायीकरण पर चिंता व्यक्त की।
बैठक की शुरुआत करते हुए सभापति ने भारत की प्राचीन गुरुकुल परंपरा की चर्चा करते हुए शिक्षा के निजीकरण और उसके फलस्वरूप उपजे व्यवसायीकरण पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि 1980 के दशक में शिक्षा के निजीकरण की शुरुआत तो सुधार के उद्देश्य से हुई थी, लेकिन समय के साथ यह व्यवसायीकरण का रूप ले बैठी, जिससे शिक्षक और छात्र दोनों का शोषण शुरू हुआ।
बैठक में समिति ने वाराणसी और चंदौली जनपदों में संचालित इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, डिप्लोमा, फार्मेसी और आईटीआई कॉलेजों की विस्तृत समीक्षा की। 2021 से 2024 तक इन संस्थानों में हुई छात्र दुर्घटनाओं की जानकारी ली गई और निर्देश दिया गया कि सभी छात्र-छात्राओं को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना से जोड़ा जाए। किसी भी दुर्घटना की स्थिति में पूरी जानकारी समिति के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया।
स्कूली वाहनों की सुरक्षा व्यवस्था पर समिति ने विशेष ध्यान दिया। 15 वर्ष से अधिक पुराने वाहनों को सेवा से हटाने, सभी चालकों-परिचालकों का वेरिफिकेशन और स्वास्थ्य परीक्षण कराने के निर्देश दिए गए। प्रत्येक बस में सीसीटीवी कैमरा, फर्स्ट एड बॉक्स और महिला परिचारक की अनिवार्य नियुक्ति करने को कहा गया। आरटीओ को सभी विद्यालयी वाहनों की सीसीटीवी जांच रिपोर्ट 15 दिनों में समिति को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। साथ ही सड़क पर चलते वाहनों की जांच के बजाय विद्यालय परिसर में या वाहन खाली होने पर ही जांच की जाए, यह व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया।
समिति ने 15 जुलाई तक सभी विद्यालयों में फर्स्ट एड बॉक्स की व्यवस्था करने का निर्देश दिया। विद्यालय परिसरों के आसपास नशीले पदार्थों व गुटखा बिक्री पर सख्त प्रतिबंध लगाने को कहा गया। मृतक आश्रित कोटे में लंबित आवेदनों के त्वरित निस्तारण के लिए मानवीय आधार पर कार्रवाई सुनिश्चित करने की बात भी समिति ने कही। सीबीएसई, आईसीएसई और यूपी बोर्ड से मान्यता प्राप्त विद्यालयों द्वारा अवैध रूप से संचालित शाखाओं की जांच के आदेश दिए गए। साथ ही फीस निर्धारण समिति की वार्षिक बैठकों के विवरण समिति को सौंपने को कहा गया। समिति ने बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत चंदौली में प्रक्रियाधीन 52 विद्यालयों के विद्युतीकरण कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए, जबकि वाराणसी में 1145 विद्यालयों का विद्युतीकरण पूरा हो चुका है।
बीएसए चन्दौली को आरटीई के तहत चयनित बच्चों की जानकारी न होने पर नाराजगी जताते हुए समस्त विवरण तत्काल उपलब्ध कराने को कहा गया। बीएसए वाराणसी को भी 25 जून तक पूरी जानकारी देने के निर्देश मिले। बेसिक शिक्षा विभाग के सेवानिवृत्त शिक्षकों की लंबित पेंशन के तीन वर्षों के आंकड़े एडी पेंशन को लखनऊ समिति कार्यालय में प्रस्तुत करने को कहा गया।
इसके अलावा, सभी कॉलेजों से सेमेस्टर फीस, हॉस्टल फीस, छात्रवृत्ति, छात्र विवरण आदि की जानकारी समिति ने मांगी। जिन कॉलेजों ने छात्रवृत्ति के लिए आवेदन नहीं किया है, उनके विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए गए। छात्रों द्वारा छोड़े गए कॉलेजों की काउशन मनी की अनिवार्य वापसी सुनिश्चित करने के भी निर्देश जारी किए गए। बैठक के अंत में जिलाधिकारी चंदौली चंद्र मोहन गर्ग ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए समिति के निर्देशों के पूर्ण अनुपालन और उनके क्रियान्वयन की प्रतिबद्धता दोहराई।
बैठक में समिति के सदस्य माननीय अंगद कुमार सिंह, विजय बहादुर पाठक, एसपी चंदौली आदित्य, डीसीपी ट्रैफिक वाराणसी अनिल यादव, सीडीओ चंदौली आर. जगत साईं, एडीएम प्रशासन विपिन कुमार, सीएमओ, बीएसए, लोकनिर्माण, परिवहन, विद्युत सहित दोनों जिलों के अनेक विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।।।