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एक पखवारे बाद दशाश्वमेध घाट पर गूंजा घंट-डमरूनाद और शंखनाद, फिर शुरू हुई विश्वप्रसिद्ध गंगा आरती, उमड़े श्रद्धालु

ब्यूरो चीफ : अमर नाथ साहू

वाराणसी: दशाश्वमेध घाट की विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती 16 दिन बाद गुरुवार को फिर शुरू हुई। घाट पर घंट-डमरूनाद और शंखनाद के साथ मां गंगा की विधिविधान से आराधना कर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ आरती उतारी गई। इस अलौकिक पल का साक्षी बनने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। गंगा सेवा निधि की ओर से व्यवस्था को बनाए रखने के लिए वालंटियर की संख्या बढ़ाई गई थी।

महाकुंभ के पलट प्रवाह के चलते गंगा आरती 11 फरवरी से बंद थी। प्रशासन ने गंगा आरती पर रोक लगा दी थी। गंगा सेवा निधि की ओर से भी श्रद्धालुओं से महाकुंभ के बाद काशी आने की अपील की गई थी। महाशिवरात्रि के बाद अब भीड़ कम हो रही है। ऐसे में गंगा आरती को गुरुवार की शाम से दोबारा शुरू कर दिया गया। अर्चकों ने मां गंगा का विधिविधान से पूजन कर आरती उतारी।

गंगा सेवा निधि के कोषाध्यक्ष आशीष तिवारी ने बताया कि काशी में महाकुंभ की भीड़ को देखते हुए गंगा आरती रोक दी गई थी। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया था। उन्होंने बताया कि सांकेतिक तौर पर मां गंगा का पूजन किया जाता था। गुरुवार से उसे दोबारा शुरू करा दिया गया। इसमें बड़े हर्ष और उत्साह के साथ दर्शनार्थियों ने भाग लिया। संस्था की ओर से कुछ वालंटियर की संख्या भी बढ़ाई गई थी। दर्शनार्थी व स्थानीय समाजसेवी अमिताभ दीक्षित ने गंगा आरती दोबारा शुरू होने पर हर्ष व्यक्त किया।।।

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