ब्यूरो चीफ : अमर नाथ साहू

वाराणसी: भेलूपुर थाना के भदैनी में पांच लोगों की हत्या की सनसनीखेज वारदात को अंजाम देने वाले आरोपित विक्की को पकड़ना पुलिस के लिए आसान नहीं था। पुलिस की सर्विलांस टीम ने 5 लाख मोबाइल नंबर खंगाले। वहीं 336 घंटे के सीसीटीवी फुटेज के जरिए उसका डिजिटल रूट चार्ट तैयार किया। इसके बाद उसका सुराग हाथ लगा।
एप डेवलपर विक्की काफी शातिर किस्म का है। उसने मां-बाप और दादा की हत्या का बदला लेने के लिए एक ही रात में अपने ताऊ राजेंद्र गुप्ता और उनके पूरे परिवार को मौत के घाट उतार दिया। रोहनियां और भदैनी में घटना को अंजाम दिया। इसके बाद फरार हो गया। दो जगहों पर हुईं हत्याओं की जानकारी पुलिस को कई घंटे बाद हुई, तब तक विक्की मुगलसराय रेलवे स्टेशन से ट्रेन पकड़कर बिहार भाग गया। पुलिस कई दिनों तक हत्या की गुत्थी को सुलझाने में खुद उलझी रही।

तफ्तीश में विक्की का नाम सामने आने के बाद पुलिस उसकी तलाश में जुटी, लेकिन उसकी लोकेशन का पता नहीं चल पा रहा था। बिक्की न मोबाइल से किसी से बात कर रहा था और न ही किसी होटल-लाज में रुका। किसी को ऑनलाइन पेमेंट भी नहीं किया। इसलिए उसका पता लगाना बहुत चुनौतीपूर्ण था।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सर्विलांस टीम ने 336 घंटे का सीसीटीवी फुटेज खंगाला। इसके जरिये 2022 से 2024 तक का उसका डिजिटल रूट चार्ट तैयार किया। वहीं लगभग 5 लाख मोबाइल नंबर खंगाले। पुलिस ने विक्की के भाई जुगनू के मोबाइल फोन की मानीटरिंग शुरू की। अचानक पता चला कि वह फेसबुक की दो-तीन फर्जी आईडी का इस्तेमाल कर रहा है। इसके जरिये दो-तीन फर्जी आईडी से चैटिंग करता है। यहीं से पुलिस को विक्की का सुराग हाथ लगा और उसे पकड़ने में कामयाबी मिली।।।