ब्यूरो चीफ : अमर नाथ साहू

वाराणसी: हिन्दू युवा वाहिनी ने मंडल अध्यक्ष अम्बरीश सिंह भोला की पहल पर योगी सरकार द्वारा गिलट बाजार में महाराणा प्रताप जी की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। काशी की धरती पर वीर महाराणा प्रताप की यह पहली प्रतिमा होगी। महाराणा प्रताप 16वीं शताब्दी में मेवाड़ के सिसोदिया राजवंश के राजा थे। उनका नाम इतिहास में वीरता, शौर्य, त्याग, पराक्रम और दृढ़ प्रण के लिये अमर है। उन्होंने मुगल बादशहा अकबर की अधीनता स्वीकार नहीं की और कई सालों तक संघर्ष किया, अंततः अकबर महाराणा प्रताप को अधीन करने मैं असफल ही रहा।
वाराणसी के प्रमुख समाजसेवी और हिन्दू युवा वाहिनी के मंडल अध्यक्ष अम्बरीश सिंह भोला की पहल पर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने वाराणसी के गिलट बाजार, पुलिस चौकी, शिवपुर पर महाराणा प्रताप जी की प्रतिमा स्थापित किये जाने को अनुमोदन प्रदान किया है।

बता दें कि हल्दीघाटी की लड़ाई और दिवेर-छापली के युद्ध के जरिए महाराणा प्रताप की वीरता को याद किया जाता है। 9 मई 1540 में जन्में महाराणा प्रताप का निधन 19 जनवरी 1597 को उनका निधन हुआ। कहा जाता है कि महाराणा प्रताप की मृत्यु पर उनका सबसे बड़े प्रतिद्वंदी अकबर को बहुत ही दुःख हुआ क्योंकि ह्रदय से वो महाराणा प्रताप के गुणों का प्रशंसक था और अकबर जानता था की महाराणा प्रताप जैसा वीर कोई नहीं है इस धरती पर। यह समाचार सुन अकबर रहस्यमय तरीके से मौन हो गया और उसकी आंख में आंसू आ गए।।।