ब्यूरो चीफ : अमर नाथ साहू

वाराणसी । डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन उत्तर प्रदेश की वाराणसी इकाई द्वारा जिला अध्यक्ष अनिल कुमार राय व मंत्री अरुण कुमार मौर्य के नेतृत्व में शुक्रवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) के कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया गया। इस प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य फार्मासिस्टों की 24 सूत्री मांगों को उठाना था। एसोसिएशन ने अपनी मांगों को लेकर जोरदार विरोध जताया और सरकार से इन मांगों को जल्द पूरा करने की अपील की।
वेतनमान में सुधार की मांग
फार्मासिस्टों का कहना है कि उन्हें राजपत्रित पदों पर कार्यरत फार्मासिस्टों के समान वेतनमान दिया जाए। प्रमुख मांगों में यह शामिल है कि अराजपत्रित पदों पर कार्यरत फार्मासिस्टों को उनकी योग्यता और कार्यदायित्व के अनुसार समकक्षीय और तकनीकी डिप्लोमाधारी पदों की तरह ग्रेड पे 4600 रुपये का वेतनमान दिया जाए। इसके साथ ही, प्रदेश में कार्यरत चीफ फार्मासिस्ट को 15600-39100 रुपये ग्रेड 5400 रुपये का वेतनमान और प्रभारी अधिकारी फार्मेसी को 6600 रुपये का वेतनमान देने की मांग की गई है।

पदनाम में बदलाव की मांग
इसके अलावा, एसोसिएशन ने विशेष कार्यधिकारी फार्मेसी के लिए 7600 रुपये और संयुक्त निदेशक फार्मेसी के लिए 8700 रुपये का ग्रेड पे निर्धारित करने की भी अपील की। फार्मासिस्टों ने यह भी मांग की है कि एलोपैथिक चिकित्सकों की अनुपस्थिति में उन्हें 75 रुपये के स्थान पर 750 रुपये प्रति माह का प्रभार भत्ता दिया जाए।

सीमित औषधियों का नुस्खा लिखने का अधिकार
एसोसिएशन ने फार्मासिस्टों के पदनाम में बदलाव की भी मांग की है, जिसके तहत फार्मेसी अधिकारी को फार्मेसिस्ट और चीफ फार्मासिस्ट को चीफ फार्मेसी अधिकारी का नाम दिया जाए। इसके अलावा, फार्मेसिस्टों को सीमित औषधियों का नुस्खा लिखने का अधिकार भी प्रदान करने की मांग की गई है। एसोसिएशन ने यह भी बताया कि प्रदेश के ग्रामीण चिकित्सालयों में फार्मेसिस्टों से ओपीडी करवाई जाती है, जिसके कारण विधिक समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। कई अन्य राज्यों में फार्मेसिस्टों को सीमित औषधियों का नुस्खा लिखने का अधिकार दिया गया है, और जौनपुर में भी यह सुविधा देने की मांग की गई है।