ब्यूरो रिपोर्ट : रवि प्रताप आर्य

बलिया । गर्भावस्था का समय महिलाओं के लिए बेहद खास होता है। इस दौरान कई सारे शारीरिक और मानसिक परिवर्तन से उन्हें गुजरना पड़ता है। ऐसे में जरूरी है कि उनके खान-पान और डाइट का पूरी तरह से ध्यान रखा जाए। गर्भ में पल रहे बच्चे के साथ ही मां को भी पूरा पोषण मिलना जरूरी है। सर्दी के मौसम में सावधानी बरतना और भी जरूरी हो जाता है क्योंकि सर्दी-जुकाम और वायरल फीवर की समस्या घेर सकती हैं। सही डाइट और पौष्टिक आहार की मदद से गर्भवती महिलाएं स्वस्थ रह सकती हैं। इस बाबत रसड़ा कोटवारी स्थित पीएचसी पर तैनात महिला चिकित्साधिकारी डॉ. प्रतिभा सिंह ने बताया कि सर्दियों के मौसम में फल और सब्जियों के विकल्प कई सारे होते हैं। ऐसे में आपको दूध, दही के साथ ढेर सारे फल और सब्जियों को डाइट में शामिल करना चाहिए। खासतौर पर अगर आप आखिरी तिमाही में हो तो कम से कम 3000 कैलोरी लेनी चाहिए। जिससे बच्चे की ग्रोथ ठीक से हो सके। सर्दी के मौसम में ताजे फल और सब्जियां खूब मिल जाएंगी। सर्दी-जुकाम से बचना है तो विटामिन सी से युक्त फलों और सब्जियों को जरूर खाएं। संतरा, सेब, केला, पालक, ब्रोकली, सलाद के पत्तों को डाइट में शामिल करें।
सर्दियों के मौसम में प्यास कम लगती है लेकिन गर्भावस्था में तरल पदार्थ बेहद जरूरी होते हैं। शरीर में पानी की कमी ना होने दें। पानी ढेर सारा पिएं और साथ ही फलों के जूस के साथ ही नारियल पानी, नींबू पानी का सेवन करें। इससे शरीर सर्दी में भी हाइड्रेटेड रहेगा। श्रीसिंह ने बताया कि गर्भ में पल रहे बच्चे के संपूर्ण विकास के लिए जरूरी है कि डाइट में कैल्शियम और फाइबर से भरपूर आहार हो। दूध और डेयरी प्रोडक्ट को दिनभर में कम से कम दो से तीन बार जरूर लेना चाहिए। फाइबर युक्त आहार खाने से पहली तिमाही में होने वाली मितली, अपच और कब्ज जैसी समस्याओं में राहत मिलती है। सर्दियों में लोग कम पानी पीते हैं, लेकिन गर्भवती महिलाओं को शरीर को हाइड्रेट रखना काफी जरूरी है. पानी की कमी से मां और बच्चे दोनों को नुकसान हो सकता है। दिन में कम से कम छह से सात गिलास पानी पीने की कोशिश करें। ठंडा पानी पीने से बचें और हल्का गुनगुना पानी पीएं।