ब्यूरो रिपोर्ट : अमर नाथ साहू

वाराणसी (ब्यूरो) । काशी में छठ पूजा की धूम है। गुरुवार की शाम डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए दशाश्वमेध घाट पर आस्थावानों का हुजूम उमड़ा। व्रती महिलाओं ने अस्ताचलगामी सूर्य को दूध और गंगा जल से अर्घ्य देकर संतान की दीर्घायु और सुख-समृद्धि की कामना की। श्रद्धालु ढोल-नगाड़े पर झूमते-गाते भक्ति में लीन होकर घाट पर पहुंचे।
इस दौरान प्रशासन अलर्ट रहा।दोपहर बाद से ही घाट पर व्रती महिलाओं और उनके परिजनों के पहुंचने का क्रम शुरू हो गया। व्रती हजारों की संख्या में श्रद्धालु घाट पर पहुंचे। महिलाओं ने कमर भर पानी में खड़े होकर भगवान भाष्कर की कठिन साधना की। अस्ताचलगामी सूर्य को दूध और गंगाजल से अर्घ्य देकर लोकमंगल की कामना की। व्रती महिला रानी सोनकर ने बताया कि छठ पूजा संतान व पति की दीर्घायु के लिए किया जाता है।
जिसको संतान नहीं होती है, वे भी संतान प्राप्ति के लिए छठ मैया की पूजा करते हैं। बताया कि छठ मैया को ठेकुआ, फल आदि चढ़ाया। धूप-दीप जलाकर उनसे सुख-समृद्धि और संतान व पति की दीर्घायु की कामना की।घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ के मद्देनजर प्रशासन मुस्तैद रहा। दशाश्वमेध घाट की तरफ जाने वाले मार्ग पर बैरिकेडिंग कर वाहनों का आवागमन रोक दिया गया था।
वहीं गंगा में भी निगरानी की गई। एनडीआरएफ के साथ ही जल पुलिस की टीम मोटर बोट पर सवार होकर गंगा में सक्रिय रही। सुरक्षा के मद्देनजर श्रद्धालुओं को लगातार सचेत करते रहे।वहीं आज शुक्रवार की प्रातः व्रती महिलाओं ने उगते हुए सूर्य को अर्ध्य देकर चार दिवसीय व्रत पूजा सम्पन्न किया।